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(* New) Class 12 Hindi Nibandh 2025, PDF Download ~ हिंदी के महत्वपूर्ण निबंध

Class 12 Hindi Nibandh 2025: नमस्कार दोस्तों, यदि आप भी कक्षा 12वीं बोर्ड परीक्षा परीक्षा 2025 की तैयारी कर रहे हैं, तो आपके लिए यह लेख बहुत ही महत्वपूर्ण साबित होगा। क्योंकि इस लेख में छ: (6) Important Nibandh In Hindi For Class 12 2025 के लिए बताऊंगा। इसलिए सभी छात्र/छात्रा इस लेख को ध्यान पूर्वक पढ़ें…एवं दोस्तों के साथ शेयर करें।

लेख में दिए गए सभी निबंध Bseb Career के द्वारा गेस किया गया हैं। विद्यार्थियों से अनुरोध हैं, निबंध को पढ़ें एवं बार-बार लिखें ताकि सारे निबंध आपको याद हो जाए।

Class 12 Hindi Nibandh 2025 ~ OverAll

Name Of The BoardAll Board Exam
Question Type Nibandh (हिन्दी निबंध)
For Class 12th
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Official Website Website Home Page

Class 12th Hindi Nibandh ~ हिन्दी के 5 महत्वपूर्ण निबंध क्लास 12

कक्षा 12वीं हिन्दी परीक्षा 2025 के लिए निम्न 6 निबंध को आप सभी बच्चों को एक बार देख लेनी चाहिए। क्योंकि यहां से कोई भी निबंध आपके परीक्षा में आ सकता हैं – 

Class 12th Hindi Nibandh

1. पर्यावरण पे निबंध लिखें – 

Hindi Important Nibandh class 10th 12th

उत्तर – शारीरिक पोषण, सामाजिक विकास और जीवन के लिए भोजन, पानी और हवा की आवश्यकता होती है। इसलिए आवश्यक हो जाता है कि जल एवं वायु की स्वच्छता के महत्त्व को समझा जाए। आधुनिक और वैज्ञानिक उपलब्धियों के सोपानों को तीव्रता से तय करते जा रहे मानव के लिए पर्यावरण के प्रति सावधानी और संवेदनशीलता अनिवार्य हो उठी है। अगर पर्यावरण के प्रति मनुष्य के अंदर भी संवेदना नहीं जगी तो वह दिन दूर नहीं, जब समग्र सृष्टि विनाश के गट्टर में जा गिरेगी।

पर्यावरण अन्य कुछ नहीं, हमारे आसपास के परिवेश है। अर्थभेद से राजनीतिक और सामाजिक के साथ सांस्कृतिक पर्यावरण भी होते हैं और वे भी आज कम चिंताजनक स्थिति में नहीं है। पर्यावरण का यह संदर्भ आज सर्वाधिक महत्त्वपूर्ण इसलिए हो गया है कि इसके दुष्परिणाम सीधे जीवन-मृत्यु के बीच की दूरी लगातार कम करते जा रहे हैं। पृथ्वी, जल, अग्नि, आकाश और हवा इन पाँच तत्त्वों से सृजित इस शरीर के लिए इन तत्त्वों की शुद्धता की महता कभी कम नहीं होती। इनमें संतुलन आवश्यक होता है। पेड़-पौधें, नदी, पर्वत, झरने, जीव-जन्तु, कीड़े-मकोड़े आदि सब मिलकर पर्यावरण को संतुलित रखने में सहयोग करते हैं। आधुनिक वैज्ञानिक उपलब्धियों के चमत्कारों ने प्रकृति को चुनौति के रूप में देखना आरंभ किया और उसकी घोर अवहेलना एवं उपेक्षा की जाने लगी। पेड़ों को काटना, पशु-पक्षियों का आना जाना, नदी-नालों में कचरे गिराना, बड़े-बड़े बाँधों का निर्माण आदि अविवेकी प्रयोगों ने सचमुच पर्यावरण को खतरे में डाल दिया है। लोग ऐसा मानने लगे हैं कि पेड़ों का अधिक होना देश के पिछड़ेपन का प्रमाण है। उनकी जगह मिलों की चिमनियाँ दिखायी पड़नी चाहिए। लेकिन, आज स्पष्ट हो चुका है कि पेड़ों को छोड़कर चिमनियों के सहारे मानवता अधिक दिनों तक नहीं रह सकता है। स्पष्ट हो चुका है कि बड़े-बड़े बाँधों से लाभ होता है. पर उनके प्रभाव से होने वाली हानियों की मात्रा अकल्पनीय है।

आत्मनिर्भर भारत पे निबंध लिखें – 

Aatm Nirbhar Bharat Pe Nibandh

उत्तर – आत्मनिर्भर भारत का अर्थ है स्वयं पर निर्भर होना, यानी खुद को किसी और पर आश्रित न करना। भारत की कला और संस्कृति को देखते हुए यह बात स्पष्ट होती है कि भारत प्राचीन काल से ही आत्म निर्भर रहा है। आत्मनिर्भर होने का मतलब है कि आपके पास जो स्वयं का हुनर है उसके माध्यम से एक छोटे स्तर पर खुद को आगे की ओर बढ़ाना है या फिर बड़े स्तर पर अपने देश के लिए कुछ करना है। आप खुद को आत्मनिर्भर बनाकर अपने परिवार का भरण-पोषण कुशलतापूर्वक कर सकेंगे और इसके साथ ही आप अपने राष्ट्र में भी अपना योगदान दे सकेंगे।

ग्रामीण क्षेत्रों में कुटीर उद्योग के द्वारा बनाए गए सामानों और उसकी आमदनी से आए पैसों से परिवार का खर्च चलाने को ही आत्मनिर्भर कहा जाता है। कुटीर उद्योग, मत्स्य पालन, मुर्गी पालन, सब्जी उत्पादन आदि सभी आत्मनिर्भर भारत के उदाहरण है। हम सहजता से मिल जाने वाले प्राकृतिक संसाधनों और कच्चे मालों के द्वारा वस्तुओं का निर्माण करके अपने आसपास के बाजारों में इसे बेच सकते है। इससे आप स्वयं के साथ-साथ आत्मनिर्भर भारत की राह में अपना योगदान दे सकते है, और हम सब मिलकर एक आत्मनिर्भर राष्ट्र निर्माण के सपने को मजबूत बनाने में सहयोग कर सकते है।

स्वतंत्रता दिवस पे निबंध लिखें – 

उत्तर – 15 अगस्त, 1947 भारत के इतिहास में एक महत्त्वपूर्ण दिवस है। इसी दिन भारत को आजादी मिली ।

देश के सभी लोगों के लिए इसका विशिष्ट अर्थ है। यह हमलोगों को स्वतंत्रता प्राप्त करने के लिए लड़नेवालों के बलिदान और कष्टों का स्मरण कराता है। पन्द्रह अगस्त लम्बे और लगातार संघर्षों का अंतिम परिणाम है।

सिपाही-विद्रोह भारतीय जनता के स्वतंत्र होने की आकांक्षा का प्रथम प्रदर्शन था । लेकिन, इसे कुचल दिया गया। फिर, उन्नीसवीं शताब्दी में अखिल भारतीय राष्ट्रीय काँग्रेस में स्वतंत्रता प्राप्त करने की इस आकांक्षा की अभिव्यक्ति हुई । जब महात्मा गाँधी क्षेत्र में आए तब यह अभिव्यक्ति सक्रिय हो गई। उन्होंने भारतीयों के हृदय में देशभक्ति की भावना भर दी। मोतीलाल नेहरू, सी०आर० दास, मदनमोहन मालवीय, राजेन्द्र प्रसाद, जवाहरलाल नेहरू, मौलाना आजाद, बल्लभ भाई पटेल, सुभाषचन्द्र बोस, जे०पी० इत्यादि जैसे महान व्यक्ति गाँधीजी के साथ हो गए। फल यह हुआ कि बीसवीं शताब्दी में स्वतंत्रता के लिए महान संषर्घ छिड़ गया। गाँधी द्वारा संचालित अहिंसा और असहयोग आंदोलन ने भारत में अँग्रेजी शासन की नींव हिला दी । अँग्रेजों ने आन्दोलन को दबाने की भरपूर चेष्टा की, पर व्यर्थ । भारतीयों ने अहिंसक ढंग से गोली और डंडों का मुकाबला किया। गाँधीजी के साथ कई नेता कई बार जेल भेजे गए। कई तरह का अमानुषिक यातनाएँ नेताओं और जनता को दी गईं, पर जोश ठंडा नहीं किया जा सका। अन्त में, 1942 ई० में गाँधीजी ने ‘भारत छोड़ो’ आन्दोलन प्रारंभ किया। उनके ‘करो या मरो’ संदेश को जनता ने स्वीकार कर लिया और सारे देश ने भारत में अँगरेजी शासन के विरुद्ध विद्रोह कर दिया। अँगरेजों के सामने भारत छोड़ने पर राजी होने के अतिरिक्त कोई चारा नहीं था। 15 अगस्त, 1947 को उन्होंने भारतीयों के हाथ में अंतिम रूप से सत्ता समर्पित कर दी। इस प्रकार, यह दिन भारत में अँगरेजी शासन का अंत और स्वतंत्रता का उदय सूचित करता है।

पन्द्रह अगस्त प्रतिवर्ष स्वतंत्रता दिवस के रूप में उचित तड़क-भड़क एवं गांभीर्यता के साथ मनाया जाता है। देश के सभी सरकारी एवं गैर-सरकारी मकानों पर राष्ट्रीय झंडे फहराए जाते हैं। सैनिक एवं सामूहिक सलामी के द्वारा झंडा के प्रति उचित सम्मान का प्रदर्शन किया जाता है। सारा दिन आनन्द और उल्लास रहता है । सार्वजनिक सभाएँ की जाती है और इस दिवस का महत्त्व समझाया जाता है।

बाढ़ पे निबंध लिखें – 

Class 10th 12th Nibandh

उत्तर – नदी जल का अपनी मर्यादा को तोड़कर अप्लावित होना बाढ़ कहलाता है। वास्तव में, जल को जीवन कहा गया हैं लेकिन जब यह जल धन-जन की हानि पर उतर आता है। अपना विनाशकारी रूप प्रदर्शित करता है, तो उसे हम बाढ़ कहते हैं। अपने राज्य बिहार में जुलाई महीने में नदियों का जल स्तर बढ़ने लगता हैं तथा गर्मी के कारण पहाड़ों पर से बर्फ पिघलकर पानी के स्तर को बढा देता है।

नदियों के किनारे रहने वाले लोग अच्छी प्रकार से जानते हैं कि बाढ़ क्या है? गंगा के किनारे रहने वाले आदमी ग्रीष्म ऋतु में देखते हैं कि दोनों किनारों पर बालू ही बालू है। लेकिन, वर्षा ऋतु के आरंभ होते ही बालू धीरे-धीरे ढंकने लगती है। अच्छे तैरने वाले लोग तो गर्मी के दिनों में आसानी से गंगा को पार कर जाते हैं। लेकिन, वर्षा ऋतु में अच्छे-अच्छे तैराक की हिम्मत टूट जाती है। हमारे राज्य में प्रतिवर्ष बाढ़ का आना अब निश्चित हो गया है। जिस वर्ष वर्षा अधिक होती है, उस वर्ष तो बाढ़ आती ही है। बाढ़ आने से नदियों का जलस्तर बढ़कर किनारों को भी काटना आरंभ कर देता है, जिससे गाँव के गाँव नदी के गर्भ में चले जाते हैं। चारों ओर त्राहि-त्राहि मचने लगती है। बाढ़ को विनाशकारी लीला की कल्पना कर मन-ही-मन ग्रामवासी घबराये रहते हैं। जब बाढ़ दिन में आती है तो लोगों को सतर्क होने का मौका मिल जाता है।

बाढ़ में अपूरणीय क्षति होती है। संचित अन्न और उत्पाद अन्न के नष्ट होने से अकाल अपना नंगा नाच आरम्भ कर देता है। घरों के नष्ट होने से आवास की कठिनाई सामने आ जाती है। भयानक जलप्लावन में तैरती सड़ी-गली लाशों की दुर्गन्ध से “महामारी फैलने की आशंका बढ़ जाती है। इस प्रकार अकाल, अवासहीनता तथा बीमारी-यह त्रिदोष उत्पन्न हो जाता है। इससे उबरना बड़ा कठिन हो जाता है। सरकार की सारी विकास योजनाएँ ठप्प पड़ जाती हैं और सारी दुनिया के समक्ष अपनी भिक्षा की झोली फैलानी पड़ती है। इतना ही नहीं, कल के राजा आज के रंक हो जाते हैं। कहीं तो जमीन नदी के पेट में समा जाती है और कहीं उपजाऊ मिट्टी की छाती पर बालू का पहाड़ खड़ा हो जाता है। ऐसे विरले ही भाग्यवान है, जिनकी बलुआही जमीन सोना उगलने वाली भूमि बन पाती है।

स्वास्थ्य ही धन हैं पे निबंध लिखें –

Class 10th Important Nibandh

उत्तर – ‘स्वास्थ्य ही धन है’ एक कहावत है, जो हमें बतलाती है कि स्वास्थ्य हमारे जीवन में सबसे अधिक महत्त्वपूर्ण चीज है । स्वास्थ्य सोना तथा चाँदी जैसी किसी भी चीज से अधिक श्रेष्ठ है। अगर किसी आदमी के पास बहुत सोना है, लेकिन स्वास्थ्य ठीक नहीं है, तो वह अपने जीवन का आनन्द नहीं ले सकता है। कोई व्यक्ति धन खर्च करके आनन्द प्राप्त कर सकता है, लेकिन यदि उसका स्वास्थ्य अनुमति नहीं देता है, तो वह अपने जीवन में कुछ नहीं कर सकता है । कोई आदमी अपने जीवन में आनन्द ले सकता है, यदि उसे अच्छा स्वास्थ्य हो । यह कहा गया है कि ‘स्वस्थ’ मस्तिष्क स्वस्थ शरीर में निवास करता है। यह बिल्कुल सही है । स्वस्थ मस्तिष्क के लिए स्वस्थ शरीर आवश्यक है। स्वस्थ शरीर का अर्थ रोगों से पूर्णतः मुक्त होना है। इसलिए, हमें मस्तिष्क के शरीर को स्वस्थ रखना चाहिए । प्रत्येक व्यक्ति जानता है कि खराब स्वास्थ्य का व्यक्ति अपने जीवन में आनद नहीं प्राप्त कर सकता है। इसीलिए, यह साफ हो जाता है कि वास्तविक धन स्वास्थ्य ही है, न कि सोना-चाँदी। इस प्रकार, यह ठीक ही कहा गया है कि ‘स्वास्थ्य ही धन है।”

मेरी प्रिय पुस्तक पे निबंध लिखें –

Hindi Nibandh Hindi Nibandh class 12

उत्तर – मुझे श्रेष्ठ पुस्तकें से अत्यधिक प्रेम है। यों मुझे अनेक पुस्तकें पसंद है, लेकिन जिसने मुझे सबसे अधिक प्रभावित किया, वह है तुलसीदास कृत रामचरितमानस । ‘रामचरितमानस’ में दशरथ-पुत्र राम की जीवन कथा का वर्णन है। श्रीराम के जीवन का प्रत्येक लीला मन को भाने वाली है। उन्होंने किशोर अवस्था में ही राक्षसों का वध और यज्ञ-रक्षा का कार्य जिस कुशलता से किया है, वह मेरे लिए अत्यंत प्रेरणादायक है। उनकी वीरता और कोमलता के सामने मेरा हृदय श्रद्धा से झुक जाता है।

रामचरितमानस में मार्मिक का वर्णन तल्लीनता से हुआ है। राम-वनवास, दशरथ-मरण, सीता-हरण, लक्ष्मण-मूर्छा, भरत-मिलन आदि के प्रसंग दिल को छूने वाले हैं। इन अवसरों पर मेरे नयनों में आँसुओं की धारा उमड़ जाती है। विशेष रूप से, राम और भरत का मिलन हृदय को छूने वाला है । इस पुस्तक में तुलसीदास ने मानव के आदर्श व्यवहार को अपने पात्रों के जीवन में साकार होते दिखाया है। राम मार्यादा पुरुषोत्तम हैं। वे आदर्श राजा, आदर्श पुत्र, आदर्श पति और आदर्श भाई हैं। भरत और लक्ष्मण आदर्श भाई हैं। उनमें एक-दूसरे के लिए सर्वस्व त्याग की भावना प्रबल है है। सीता आदर्श पत्नी है। हनुमान आदर्श सेवक है। पारिवारिक जीवन की मधुरता का जैसा सरल वर्णन इस पुस्तक में है, वैसा अन्यत्र कहीं नहीं मिलता । यह पुस्तक केवल धार्मिक महत्त्व की ही नहीं है। इसमें मानव को प्ररेणा देने की असीम शक्ति है। इसमें राजा, प्रजा, स्वामी, दास, मित्र, पति, नारी, स्त्री, पुरुष सभी को अपने जीवनी उज्ज्वल बनाने की शिक्षा दी गई है। राजा के बारे में उनका वचन है –

जासु राज प्रिय प्रजा दुखारी । सो नृप नरक अधिकारी।

– तुलसीदास ने प्रायः जीवन के सभी पक्षों पर सूक्तियाँ लिखी हैं। इनके इन अनमोल वचनों के कारण यह पुस्तक अमरता को प्राप्त हो गई हैं।

रामचरितमानस की भाषा अवधी है। इसे दोहा-चौपाई शैली में लिखा गया है। इसके छंद रस और संगीत से परिपूर्ण हैं। इसकी रचना को लगभग 500 वर्ष हो चुके हैं। फिर भी, आज इसे मधुर कंठ से गए जाते हैं।

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ध्यान दे – निबंध हमेशा छात्रों को अपने शब्दों में लिखनी चाहिए।

Class 12 Hindi Nibandh Pdf Download

कक्षा 12वीं हिंदी के महत्वपूर्ण निबंध को सभी छात्र/छात्रा नीचे दिए गए लिंक्स के माध्यम से डाऊनलोड कर सकते हैं।

लिंक्स – Hindi Nibandh PDF download

Conclusion ~ निष्कर्ष

अतः इस लेख के माध्यम से मैंने आप सभी को Class 12 Hindi Nibandh बताया हूं। उम्मीद करते हैं, आपको यह लेख पसंद आया होगा। शुक्रियां

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