Bihar Board 12th Sociology Monthly Exam Question Paper 2023 : समाज शास्त्र का प्रश्न पत्र वायरल हुआ, यही प्रश्न पूछेगा
Bihar Board 12th Sociology Monthly Exam Question Paper 2023
बिहार बोर्ड के सितम्बर माह में आयोजित होने वाले परीक्षा रूटीन के हिसाब से कला संकाय (Arts Stream) वाले छात्र / छात्राओं का कल (25.09.2023) को समाजशास्त्र (Sociology) का परीक्षा लिया जाएगा। जिसका प्रश्न पत्र वायरल हो गया है। आप निचे दिये गये लिंक से प्रश्न पत्र एवं उसका उत्तर देख पाएंगे।
Bihar Board 12th Sociology Monthly Exam Question Paper 2023 – आर्टिकल में दिये गये प्रश्नों को अच्छे से याद करें, क्यूंकि यहां से डायरेक्ट आपके कल होने वाले परीक्षा में प्रश्न रहेंगे।
Bihar Board 12th Sociology Monthly Exam Question Paper 2023 – Objective Question
कल होने वाले परीक्षा के लिए निचे कुछ महत्वपूर्ण Objective Question Answer दिया गया है, जिसे आप सभी हर हाल में याद कर ले –
1. बहुपति विवाह किस जनजाति में पाया जाता है?
(क) संथाल
(ख) टोडा
(ग) मुंडा
(घ) खस
2. पंचायत समिति का अध्यक्ष कौन होता है ?
(क) सी.ओ.
(ख) मुखिया
(ग) प्रमुख
(घ) बी.डी.ओ.
3. जमींदारी उन्मूलन अधिनियम किस वर्ष पारित किया गया ?
(क) 1961
(ख) 1948
(ग) 1951
(घ) 19551
4. सामुदायिक विकास योजना का मुख्य उद्देश्य निम्नलिखित में से क्या था?
(क) ग्रामीण उद्योगों का विकास
(ख) ग्रामीण बेरोजगारों को रोजगार
(ग) कृषि उत्पादन में वृद्धि
(घ) गाँवों का सर्वांगीण विकास
5. बिहार में जातीय तनाव का कारण है?
(क) फैशन
(ख) फैसन
(ग) शिक्षा
(घ) इनमें कोई नहीं
6. पश्चिमीकरण की अवधारणा किसके द्वारा दी गई ?
(क) अगबर्ण ने
(ग) एम. एन. श्रीनिवास
(ग) आगवर्न
(घ) मैकाइवर
7. चिपको आन्दोलन सम्बन्धित है?
(क) वृक्षों की रक्षा से
(ख) जल की रक्षा से
(ग) पशुओं की रक्षा से
(घ) खनिजों की रक्षा से
8. संथाल विद्रोह का नेतृत्व किसने किया था ?
(ख) करिया मुंडा
(क) सिधू कान्हू
(ग) बिरसा मुंडा
(घ) जतरा भगत
9. किसने कहा, “नगरीयता एक जीवन पद्धति है?
(क) रॉस
(ख) बर्गल में
(ग) विर्थ
(घ) कारपेंटर
10. हिंदू विवाह अधिनियम पारित हुआ?
(क) 1950 में
(ख) 1955 में
(ग) 1954 में
(घ) 1976 में
Bihar Board 12th Sociology Monthly Exam Question Paper 2023 – Subjective Question
समाज शास्त्र के सितंर माह में आयोजित होने वाले परीक्षा के लिए महवपूर्ण Subjective Question ये रहे –
प्रश्न 1 – भूमंडलीकरण से आप क्या समझते हैं?
उत्तर – भूमंडलीकरण एक बहुआयामी अवधारणा है जो मूलतः अर्थव्यवस्था से संबंधित है। सी. रंगराजन के अनुसार भूमंडलीकरण का अभिप्राय आर्थिक व्यवस्था के विभिन्न पक्षों में समन्वय है। उन्होंने स्पष्ट किया है कि अर्थव्यवस्थाओं तथा समाज के बीच सूचना, विचारों, तकनीकों, वस्तुओं और सेवाओं तथा वित्त के बीच समन्वय की प्रक्रिया के साथ भूमंडलीकरण संबंधित है। विभिन्न देशों के लोग तथा समाज उस प्रक्रिया से जुड़े हैं। गिडेन्स के अनुसार भूमंडलीकरण को समय तथा स्थान के आधार पर परिभाषित किया जा सकता है।
भूमंडलीकरण के तीन प्रमुख प्रेरक हैं— (i) बाजार की खोज, (ii) बहुराष्ट्रीय निवेश तथा (iii) प्रौद्योगिकी इलेक्ट्रॉनिक एवं कम्प्यूटर नेटवर्क।
प्रश्न 2 – नव उपनिवेशवाद क्या है?
उत्तर – नव उपनिवेशवाद शक्तिशाली राष्ट्रों की विस्तारवादी प्रकृति को स्पष्ट करता है। यह एक लंबी चलने वाली शोषण नीति पर आधारित है। इसका उद्देश्य दुर्बल देश के संसाधनों का इस तरह उपयोग करना होता है, जिससे साम्राज्यवादी देश को आर्थिक रूप से शक्तिशाली बन सके। इस प्रकार के शासन में प्रत्यक्ष तथा अप्रत्यक्ष रूप से अपनी संस्कृति, सामाजिक मूल्यों और आर्थिक क्रियाओं में परिवर्तन लाने के लिए इस तरह दबाव डाला जाता है, जिससे वे स्वंय भी अपने आपको साम्राज्यवादी शक्ति के अधीन समझने लगे। विदेशी सरकार द्वारा कूटनीति सहायता से ऐसी व्यवस्था लागू की जाती है। जिससे उस देश के मूल निवासी अपनी सामाजिक आर्थिक विकास करने के योग्य बन सकें।
प्रश्न 3 – नियोजित परिवर्तन के महत्व का वर्णन करें।
उत्तर – नियोजित परिवर्तन : औद्योगीकरण आर्थिक विकास की प्रक्रिया है। वर्तमान समय में निश्चित योजना सरकारी एवं गैरसरकारी के अनुसार औद्योगीकरण के – माध्यम से आर्थिक विकास का प्रयास किया जाता है जिसे नियोजित परिवर्तन कहते हैं।
प्रश्न 4 – पर्यावरण विनाश पर एक संक्षिप्त टिप्पणी लिखें।
उत्तर – पर्यावरण विनाश एक जटिल समस्या है। ऐसा कोई विकास कार्यक्रम और परियोजना नहीं है जिनका प्रभाव पर्यावरण पर नहीं पड़ता है। औद्योगिकीकरण, नगरीकरण, भौतिकवादी प्रवृत्ति एवं बाजारवाद के कारण भी पर्यावरण विनाश की स्थिति उत्पन्न होती है। पर्यावरण विनाश सिर्फ स्थानीय समस्या नहीं है बल्कि एक सार्वभौमिक अवधारणा है। पर्यावरण तथा मनुष्य के बीच अन्तः पारस्परिक संबंध मौजूद है। मानव पर्यावरण से और पर्यावरण मानव से प्रभावित होता है। समाजशास्त्री कर्ट लेविन ने कहा कि मनुष्य तथा पर्यावरण में अन्तः क्रिया की स्थिति उत्पन्न होती है। पर्यावरण में भिन्नता होने पर व्यक्ति के चिन्तन में तथा उसके व्यवहार में भी परिवर्तन हो जाता है। यह चिन्तन उसे सही दशा में गतिशील बनाता है। सामाजिक संस्था के विकास के लिए सामाजिक वातावरण आवश्यक है।
प्रश्न 5 – पितृसत्ता का अर्थ स्पष्ट करें।
उत्तर – पितृसत्ता वह व्यवस्था है जिसमें परंपरा और व्यवहार के नियमों द्वारा स्त्रियों की तुलना में पुरुषों की शक्ति और सत्ता को अधिक महत्त्व दिया जाता है। जिस समाज में पितृसत्ता का प्रचलन होता है वहाँ समाज और परिवार में स्त्रियों की तुलना में पुरुषों के अधिकार अधिक होते हैं। विवाह और परिवार से संबंधित नियम पुरुषों के पक्ष में होते हैं। वंश की परंपरा पिता के नाम पर चलती है। विवाह के बाद लड़कियाँ अपने पति के घर जाकर रहती है तथा उसका उपनाम अपने पति के उपनाम के अनुसार ही बदल जाता है। सम्पत्ति का उत्तराधिकार भी व्यावहारिक रूप से पिता से उसके पुत्र या पुत्रों को मिल जाता है। स्त्रियों को अनेक धार्मिक नियमों और प्रथाओं के द्वारा यह विश्वास दिलाया जाता है कि प्रत्येक दशा में अपने पिता, पति या पुत्र के निर्णयों के अनुसार व्यवहार करना ही उनका धर्म है।
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