Bihar Board 12th Geography Half Yearly Exam 2025:नमस्कार बच्चों,बिहार बोर्ड के द्वारा कक्षा 12वीं भूगोल अर्धवार्षिक परीक्षा का प्रश्नपत्र (Question Paper) तथा आंसर की (Answer Key) जारी कर दिया गया हैं।
इस लेख के माध्यम से सभी विद्यार्थी Bihar Board 12th Geography Half Year Question Paper 2025 तथा Bihar Board 12th Geography Half Yearly Exam Answer Key 2025 को देख पाएंगे। इसलिए छात्र/छात्रा से अनुरोध हैं, लेख को ध्यान पूर्वक शुरू से अंत तक पढ़े…….
Bihar Board 12th Geography Half Yearly Exam 2025 OverAll
Name Of The Board | Bihar School Examination Board, Patna |
Name Of The Post | Bihar Board 12th Geography Half Yearly Exam 2025 Download Question Paper & Answer Key PDF |
Exam Type | BSEB 12th Half Yearly Exam, September – 2025 |
Subject Name | Geography (भूगोल) |
Exam Date | 20/09/2025 |
Exam Shift | 2nd Shift |
Time Table | 09:30 AM to 12:45 PM |
Exam Centre | Home Centre |
Official Website | biharboardonline.com |
बिहार बोर्ड 12वीं अर्धवार्षिक परीक्षा 2025 (Bihar Board 12th Half Yearly Exam 2025) ~ सम्पूर्ण जानकारी
नमस्कार दोस्तों, बिहार विद्यालय परीक्षा वाले द्वारा कक्षा 12वीं अर्धवार्षिक परीक्षा 2025 का आयोजन 19 सितंबर 2025 से 27 सितंबर 2025 तक बिहार के सभी 10+2 विद्यालय में आयोजित की जाएगी। परीक्षा का आयोजन दो पालियों में किया जाएगा। प्रथम पाली की परीक्षा सुबह 9:30 बजे से दोपहर 12:45 तक वही द्वितीय पाली की परीक्षा दोपहर 02:00 बजे से शाम 05:15 तक लिया जाएगा। बोर्ड की माने तो परीक्षा का निगरानी ऑनलाइन के माध्यम से किया जाएगा।
परीक्षा में शामिल होना सभी छात्रों के लिए 100% जरूरी हैं। परीक्षा से वंचित रहने वाले छात्रों को कक्षा 12वीं में नामांकन नहीं लिया जाएगा। इसलिए छात्रों से अनुरोध हैं, कृपया करके परीक्षा में अवश्य शामिल होंगे।
ये भी देखें – Bihar Board Half Yearly & Internal Exam 2025 – BSEB Class 9th, 10th, 11th & 12th रूटीन, प्रश्नपत्र देखें!
बिहार बोर्ड 12वीं भूगोल अर्धवार्षिक परीक्षा 2025 (Bihar Board 12th Geography Half Yearly Examination, September – 2025)
हेलो बच्चों, बिहार बोर्ड के द्वारा दिनांक 20 सितंबर 2025 को आर्ट्स वाले बच्चों का द्वितीय पाली में भूगोल (Geography) का परीक्षा हैं। इस परीक्षा का Question Paper एवं Answer Key इंटरनेट की सूत्रों की माने तो वायरल हो गई हैं। जिसे आप सभी विद्यार्थी इस लेख के माध्यम से भी चेक & डाऊनलोड कर पाएंगे।
इस लेख के क्वेश्चन पेपर तथा आंसर की Download करने का सम्पूर्ण प्रकिया बताया गया हैं। इसके साथ ही साथ महत्वपूर्ण लिंक्स भी प्रदान करवाया गया हैं। जहां से आप एक क्लिक में प्रश्नपत्र तथा आंसर की डाऊनलोड कर पाएंगे।
Bihar Board 12th Geography Half Yearly Exam 2025 Question Paper
बिहार बोर्ड कक्षा 12वीं भूगोल अर्धवार्षिक परीक्षा क्वेश्चन पेपर 2025 (BSEB 12th Geography Half Yearly Question Paper 2025) नीचे देख सकते हैं –
Available Soon…..
Bihar Board 12th Geography Half Yearly Exam Answer Key 2025 – बिहार बोर्ड 12वीं भूगोल अर्धवार्षिक परीक्षा 2020 का आंसर की
बिहार बोर्ड कक्षा 12वीं भूगोल अर्धवार्षिक परीक्षा 2025 के ओरिजिनल Question Paper के 100% Correct Answer Key नीचे देख सकते हैं –
OMR Answer Key ~ ( Section – A )
1-B | 11-D | 21-B | 31-A | 41-C |
2-B | 12-C | 22-B | 32-D | 42-C |
3-B | 13-A | 23-C | 33-C | 43-C |
4-B | 14-A | 24-A | 34-A | 44-B |
5-C | 15-B | 25-B | 35-C | 45-D |
6-A | 16-B | 26-B | 36-D | 46-B |
7-D | 17-C | 27-D | 37-D | 47-B |
8-D | 18-C | 28-C | 38-D | 48-A |
9-A | 19-A | 29-C | 39-D | 49- |
10-A | 20-B | 30-D | 40-C | 50-B |
51-D | 52-A | 53-A | 54- | 55-D |
Subjective Answer Key ( Section ~ B )
Q. 1 लौह अयस्क के किन्हीं दो प्रकारों के नाम बताएँ ।
Ans- लौह अयस्क के दो मुख्य प्रकार हेमेटाइट और मैग्नेटाइट हैं। हेमेटाइट सबसे अधिक खनन किया जाने वाला और औद्योगिक रूप से महत्वपूर्ण लौह अयस्क है, जबकि मैग्नेटाइट एक उच्च-गुणवत्ता वाला अयस्क है जिसमें लोहे की मात्रा सबसे अधिक होती है और यह अपने चुंबकीय गुणों के लिए भी जाना जाता है।
Q. 2 ऊर्जा के अपरम्परागत स्रोत से आप क्या समझते हैं ?
Ans- ऊर्जा के अपरम्परागत स्रोत (जिन्हें गैर-पारंपरिक या नवीकरणीय ऊर्जा स्रोत भी कहते हैं) वे ऊर्जा स्रोत हैं जो नवीकरणीय होते हैं, पर्यावरण के अनुकूल होते हैं और प्रचुर मात्रा में उपलब्ध होते हैं, जैसे सौर ऊर्जा, पवन ऊर्जा, ज्वारीय ऊर्जा, भूतापीय ऊर्जा, और बायोगैस। ये स्रोत पारंपरिक स्रोतों (कोयला, पेट्रोलियम) के विपरीत सीमित नहीं होते और पर्यावरण को कम नुकसान पहुंचाते हैं।
Q. 3 सघन अधिवास के तात्पर्य का उल्लेख कीजिए ।
Ans- सघन अधिवास वह है जिसमें घर एक-दूसरे के बहुत पास-पास और संकुचित गलियों में बने होते हैं, जिससे आवासों की संख्या अधिक हो जाती है। इन बस्तियों में लोगों का समूह होता है, जिनमें आवासों के छत एक-दूसरे से मिले होते हैं और लोग केवल पैदल ही संकरी गलियों से आते-जाते हैं। ये बस्तियाँ विभिन्न सामाजिक, आर्थिक और भौगोलिक कारकों के कारण बनती हैं, जैसे सुरक्षा की आवश्यकता, कृषि भूमि की उपलब्धता या आर्थिक लाभ।
Q. 4 भारत के चार कोयला क्षेत्रों के नाम लिखिए ।
Ans- भारत के चार प्रमुख कोयला क्षेत्र झरिया (झारखंड), रानीगंज (पश्चिम बंगाल), बोकारो (झारखंड) और सिंगरौली (मध्य प्रदेश) हैं, जो देश के कोयला उत्पादन और भंडार के महत्वपूर्ण केंद्र हैं।
Q. 5 भारत के किन्हीं चार शैक्षणिक शहरों के नाम लिखिए ।
Ans- भारत के चार प्रमुख शैक्षणिक शहर हैं: दिल्ली, बैंगलोर (बेंगलुरु), मुंबई और पुणे, जो अपने प्रतिष्ठित विश्वविद्यालयों, शोध संस्थानों और विभिन्न क्षेत्रों में उच्च गुणवत्ता वाली शिक्षा प्रदान करने वाले अन्य शैक्षणिक संस्थानों के लिए जाने जाते हैं.
Q. 6 जल प्रदूषण से आप क्या समझते हैं ?
Ans- जल प्रदूषण, जल निकायों जैसे नदियों, झीलों और महासागरों में हानिकारक पदार्थों के प्रवेश से जल की गुणवत्ता में कमी आना है। ये प्रदूषक, जैसे औद्योगिक अपशिष्ट, सीवेज, रासायनिक पदार्थ और सूक्ष्मजीव, पानी को पीने योग्य नहीं बनाते और जलीय जीवों के साथ-साथ मनुष्यों के स्वास्थ्य को भी नुकसान पहुँचाते हैं। जल प्रदूषण से न केवल जलीय पारिस्थितिकी तंत्र प्रभावित होता है, बल्कि प्रदूषक रिसकर भूजल को भी दूषित कर सकते हैं।
Q. 7 जल संरक्षण से आप क्या समझते हैं ?
Ans- जल संरक्षण का अर्थ है पानी का विवेकपूर्ण और कुशल उपयोग करना, ताकि अनावश्यक बर्बादी को रोका जा सके और भविष्य के लिए पर्याप्त मात्रा में स्वच्छ जल उपलब्ध हो सके। इसमें जल को प्रदूषण से बचाना, भूमिगत जल को रिचार्ज करना, वर्षा जल का संचयन करना और पानी का बुद्धिमानी से उपयोग करने की प्रक्रियाएँ शामिल हैं, जो इस सीमित और मूल्यवान संसाधन की दीर्घकालिक उपलब्धता सुनिश्चित करती हैं।
Q. 8 रेखीय अधिवास प्रतिरूप किसे कहते हैं ?
Ans – रेखीय अधिवास प्रतिरूप वह है जिसमें ग्रामीण घर सड़क, नदी, नहर या रेलवे लाइन जैसे किसी मार्ग के किनारे एक सीधी रेखा या कतार में व्यवस्थित होते हैं, जिससे एक रैखिक आकार बनता है. यह अधिवास पैटर्न मुख्य रूप से परिवहन की सुविधा और प्राकृतिक संसाधनों की आसान पहुँच के कारण विकसित होता है, जिससे घर एक-दूसरे के पास पंक्तिबद्ध होते हैं.
Q. 9 सिंचाई से आप क्या समझते हैं ?
Ans- सिंचाई कृत्रिम रूप से भूमि को, खास तौर पर फसलों को, पानी देने की प्रक्रिया है। यह उन क्षेत्रों में महत्वपूर्ण है जहाँ पर्याप्त वर्षा नहीं होती, जिससे पौधों के अंकुरण, विकास और उच्च पैदावार के लिए आवश्यक नमी और पोषक तत्वों की पूर्ति की जा सके। सिंचाई विभिन्न मानव-निर्मित साधनों जैसे नहरों, कुओं, स्प्रिंकलर और ड्रिप विधियों द्वारा की जाती है ताकि वर्षा पर निर्भरता कम हो सके।
Q. 10 . किन्हीं चार नकदी फसलों के नाम लिखिए ।
Ans- चार प्रमुख नकदी फसलें हैं कपास, गन्ना, चाय और कॉफ़ी। नकदी फसलें वे होती हैं जिनकी खेती सीधे बाज़ार में बेचने और पैसे कमाने के उद्देश्य से की जाती है, बजाय कि व्यक्तिगत उपभोग के लिए।
Q. 11 ग्रामीण तथा नगरीय अधिवास में अंतर स्पष्ट कीजिए ।
Ans- ग्रामीण और नगरीय अधिवास में मुख्य अंतर उनकी अर्थव्यवस्था, जनसंख्या घनत्व, सामाजिक संरचना, सुविधाओं की उपलब्धता और जीवनशैली में निहित हैं. ग्रामीण अधिवास मुख्य रूप से कृषि और प्राथमिक गतिविधियों पर आधारित होते हैं, जबकि नगरीय अधिवास उद्योग, व्यापार और विभिन्न सेवाओं पर निर्भर करते हैं. ग्रामीण क्षेत्रों में जीवन सरल व पारंपरिक होता है और जनसंख्या घनत्व कम होता है, वहीं नगरीय क्षेत्रों में जीवन जटिल, सघन और सुविधाओं से परिपूर्ण होता है.
Q. 12 हरित क्रांति से आप क्या समझते हैं ?
Ans- हरित क्रांति से तात्पर्य कृषि उत्पादन में तीव्र और महत्वपूर्ण वृद्धि से है, जो मुख्य रूप से उच्च उपज देने वाले बीजों, उन्नत रासायनिक उर्वरकों, कीटनाशकों, सिंचाई की आधुनिक तकनीकों और मशीनीकृत उपकरणों के उपयोग से संभव हुई है। इसके परिणामस्वरूप विभिन्न फसलों, विशेषकर खाद्यान्नों, का उत्पादन काफी बढ़ गया, जिससे किसानों की आय में वृद्धि हुई और भारत जैसे देशों को खाद्य सुरक्षा प्राप्त हुई।
Q. 13 भारत के किन्हीं चार औद्योगिक नगरों के नाम लिखिए ।
Ans- भारत के चार औद्योगिक नगरों के उदाहरणों में मुंबई, अहमदाबाद, बंगलुरु, और कोलकाता शामिल हैं। ये शहर अपने-अपने क्षेत्रों के प्रमुख औद्योगिक केंद्र हैं और यहाँ वस्त्र, आईटी (सूचना प्रौद्योगिकी), और अन्य उद्योगों का विकास हुआ है।
Q. 14 जनसंख्या वृद्धि को परिभाषित कीजिए ।
Ans- जनसंख्या वृद्धि को एक निश्चित अवधि के दौरान जनसंख्या के आकार में होने वाले परिवर्तन के रूप में परिभाषित किया जाता है। यह सकारात्मक या नकारात्मक हो सकता है, जो जनसंख्या के बढ़ने या घटने का संकेत देता है। जनसंख्या में बदलाव जन्म, मृत्यु, आप्रवास (आगमन) और उत्प्रवास (प्रस्थान) जैसे कारकों से प्रभावित होता है।
Q. 15 . भारत के चार खाद्य फसलों के नाम लिखिए ।
Ans- भारत की चार प्रमुख खाद्य फसलें गेहूँ, चावल, मक्का और दालें हैं. ये भारत के कृषि क्षेत्र में महत्वपूर्ण योगदान देती हैं और देश के अधिकांश हिस्सों में उगाई जाती हैं.
Q. 26 . चतुर्थक क्रियाकलापों का वर्णन कीजिए ।
Ans- चतुर्थक क्रियाकलाप, जो ज्ञान-आधारित सेवाओं से संबंधित होते हैं, में अनुसंधान, विकास, सूचना का संग्रहण, उत्पादन और प्रसारण, साथ ही शिक्षा, वित्त, तकनीक और प्रशासनिक सेवाओं से जुड़ी गतिविधियाँ शामिल हैं. इन क्रियाकलापों का उद्देश्य ज्ञान के निर्माण और उसके उपयोग पर केंद्रित होता है, जिससे नवाचार और आर्थिक विकास को बढ़ावा मिलता है.
चतुर्थक क्रियाकलापों की प्रमुख विशेषताएँ:
ज्ञान पर आधारित: ये सेवाएँ ज्ञान और सूचना से जुड़ी होती हैं, जहाँ विशिष्ट ज्ञान, वैज्ञानिक कौशल और प्रशासकीय क्षमता का उपयोग किया जाता है.
अनुसंधान और विकास: इनमें अक्सर अनुसंधान और विकास (R&D) गतिविधियाँ शामिल होती हैं, जिनका उद्देश्य नए विचारों और तकनीकों का विकास करना होता है.
सूचना का प्रबंधन: सूचनाओं का संग्रहण, उत्पादन, प्रसार और विश्लेषण इस क्षेत्र का महत्वपूर्ण हिस्सा है.
ज्ञानोन्मुख क्षेत्र: इन्हें “ज्ञान-उन्मुख क्षेत्र” भी कहा जाता है, क्योंकि इनमें ज्ञान से जुड़े विचारों को प्रस्तुत किया जाता है और उनका उपयोग होता है.
आर्थिक विकास का आधार: कई देशों में, चतुर्थक क्षेत्र आधुनिक आर्थिक विकास का एक महत्वपूर्ण स्तंभ बन गए हैं.
चतुर्थक क्रियाकलापों के उदाहरण:
प्रशासनिक और तकनीकी कौशल: इसमें वित्तीय सलाहकार, वकील, और सॉफ्टवेयर डेवलपर जैसी भूमिकाएँ शामिल हैं.
अनुसंधान एवं विकास: वैज्ञानिक अनुसंधान और तकनीकी विकास से जुड़ी कंपनियाँ और संस्थान.
सूचना और संचार प्रौद्योगिकी: इंटरनेट, मीडिया और अन्य संचार माध्यमों के माध्यम से जानकारी का प्रचार.
शिक्षा और विश्वविद्यालय: शैक्षणिक संस्थान और विश्वविद्यालयों में होने वाली शिक्षण और शोध गतिविधियाँ.
Q. 27 27. जल प्रदूषण के परिणामों का वर्णन कीजिए ।
Ans- जल प्रदूषण के परिणामों में मानव स्वास्थ्य जोखिम, जैसे हैजा और टाइफाइड, जलीय जीवन का विनाश, खाद्य श्रृंखलाओं में विषाक्त पदार्थों का संचय, जैव विविधता में कमी, और पारिस्थितिक तंत्र में असंतुलन शामिल हैं। यह जलीय पारिस्थितिकी तंत्र को नष्ट करता है और झीलों में शैवाल के अनियंत्रित विकास को बढ़ावा देता है, जिससे जलीय प्रजातियों के लिए मृत क्षेत्र बनते हैं।
मानव स्वास्थ्य पर प्रभाव
जलजनित बीमारियाँ: दूषित जल बैक्टीरिया, वायरस और परजीवियों का प्रजनन स्थल बन जाता है, जिससे हैजा, टाइफाइड, पेचिश और हेपेटाइटिस जैसी बीमारियाँ होती हैं।
विषाक्त पदार्थों का सेवन: भारी धातुएँ और कीटनाशक जैसे विषाक्त पदार्थ खाद्य श्रृंखला में प्रवेश करते हैं, जिससे मछली और अन्य जलीय जीवों में इनका जैव-संचयन होता है, जो मनुष्यों के लिए हानिकारक होता है।
त्वचा संबंधी समस्याएँ: प्रदूषित पानी के संपर्क में आने से त्वचा में जलन, चकत्ते और अन्य त्वचा संबंधी रोग हो सकते हैं।
श्वसन संबंधी समस्याएँ: जल प्रदूषक वाष्पित होकर वायुमंडल में मिल सकते हैं, जिससे साँस लेने पर श्वसन संबंधी समस्याएँ हो सकती हैं।
पर्यावरणीय और पारिस्थितिक प्रभाव
जलीय जीवन का विनाश: प्रदूषित जल समुद्री जीवन, मछलियों और अन्य समुद्री प्रजातियों को मार डालता है, जिससे जलीय पारिस्थितिकी तंत्र नष्ट हो जाता है।
खाद्य श्रृंखला में बाधा: विषाक्त पदार्थों के जैव-संचयन और जैव-आवर्धन (biomagnification) के कारण खाद्य श्रृंखला बाधित होती है, जिससे जलीय जीवों का प्रजनन कमजोर हो जाता है।
सुपोषण (Eutrophication): पोषक तत्वों के प्रदूषण से झीलों और नदियों में शैवालों का अनियंत्रित प्रसार होता है, जिससे पानी में मृत क्षेत्र बन जाते हैं जहाँ जलीय जीवन जीवित नहीं रह पाता।
जैव विविधता में कमी: जलीय जीवों के आवास नष्ट होने और खाद्य श्रृंखला बाधित होने के कारण जैव विविधता में कमी आती है।
Q. 28 शुष्क तथा आर्द्र कृषि में अंतर स्पष्ट करें ।
Ans- शुष्क कृषि में जल की कमी वाले क्षेत्रों में फसलें उगाई जाती हैं, जहाँ सिंचाई की कम या बिल्कुल नहीं आवश्यकता होती और सूखा-प्रतिरोधी फसलें उगाई जाती हैं, जैसे बाजरा और दलहन। वहीं, आर्द्र कृषि में उन क्षेत्रों में की जाती है जहाँ वर्षा अधिक होती है और मिट्टी में पर्याप्त नमी होती है, जिससे चावल, गन्ना जैसी अधिक पानी वाली फसलें उगाना संभव होता है।
शुष्क कृषि (Dry Farming)
वर्षा: उन क्षेत्रों में की जाती है जहाँ वार्षिक वर्षा 75 सेमी (या 750 मिमी) से कम होती है।
जल की उपलब्धता: जल संसाधनों की कमी होती है और यह पूरी तरह से प्राकृतिक वर्षा पर निर्भर करती है।
फसलें: सूखा-प्रतिरोधी फसलें उगाई जाती हैं, जैसे बाजरा, रागी, मूंग, चना, ज्वार और कुछ तिलहन।
तकनीक: मृदा संरक्षण की तकनीकें, जैसे मल्चिंग और समोच्च जुताई, अपनाई जाती हैं।
उदाहरण: भारत में राजस्थान के कुछ हिस्से शुष्क कृषि के उदाहरण हैं।
आर्द्र कृषि (Wetland/Rainfed Agriculture)
वर्षा: उन क्षेत्रों या मौसमों में की जाती है जहाँ मिट्टी में पर्याप्त नमी होती है, यानी वर्षा की मात्रा अधिक होती है।
जल की उपलब्धता: वर्षा की प्रचुरता के कारण जल की कमी नहीं होती।
फसलें: ऐसी फसलें उगाई जाती हैं जिन्हें अधिक पानी की आवश्यकता होती है, जैसे चावल, जूट, गन्ना और ताजे पानी की जल कृषि वाली फसलें।
चुनौतियाँ: अधिक वर्षा के कारण बाढ़ और मृदा अपरदन (मिट्टी का क्षरण) का सामना करना पड़ सकता है।
विशेषता: यह कृषि जलोढ़ मृदा वाले भागों में अपनाई जाती है, जहाँ औसत वार्षिक वर्षा 200 सेमी से अधिक होती है।
Q. 29 जल संरक्षण के उपायों का वर्णन कीजिए ।
Ans- जल संरक्षण के लिए घरेलू स्तर पर नलों को बंद रखना, लीकेज ठीक कराना, और कम पानी का उपयोग करने वाले उपकरणों का इस्तेमाल करना महत्वपूर्ण है। बाहरी स्तर पर, सुबह या शाम को पौधों को पानी देना, वर्षा जल संचयन करना, और कम पानी की ज़रूरत वाले पौधे लगाना प्रभावी उपाय हैं। सामुदायिक स्तर पर, तालाबों का निर्माण, जल पुनर्भरण संरचनाएँ और जन जागरूकता अभियान जल संरक्षण में सहायक होते हैं।
घरेलू उपाय
लीकेज को ठीक करें: घर में किसी भी नल या पाइप से पानी का रिसाव हो रहा हो तो उसकी तुरंत मरम्मत कराएं।
कम पानी का उपयोग करें: नहाते समय, दाँत ब्रश करते या शेविंग करते समय नल बंद रखें।
जल-बचत उपकरणों का उपयोग करें: कम प्रवाह वाले शॉवर हेड और शौचालय का उपयोग करें।
वॉशिंग मशीन और डिशवॉशर का सही उपयोग करें: केवल पूरा लोड होने पर ही इनका उपयोग करें और जल-बचत चक्रों का इस्तेमाल करें।
बाहरी उपाय
वर्षा जल संचयन करें: छत पर गिरने वाले वर्षा जल को रेन बैरल या अन्य बड़े टंकियों में इकट्ठा करें।
पौधों को सही समय पर पानी दें: सुबह जल्दी या देर शाम को पानी दें, जब तापमान कम हो और वाष्पीकरण कम हो।
सूखा प्रतिरोधी पौधे लगाएं: ऐसे देशी पौधे चुनें जिन्हें कम पानी की आवश्यकता हो।
गीली घास (Mulch) का उपयोग करें: पौधों के चारों ओर गीली घास की एक परत बिछाने से मिट्टी में नमी बनी रहती है और वाष्पीकरण कम होता है।
सड़कों और ड्राइववे को साफ करें: पानी से धोने के बजाय झाड़ू का प्रयोग करें।
Some Important Link –
BSEB 12th Geography Half Yearly Exam 2025 | |
Join Us | WhatsApp Channel |
निष्कर्ष (Conclusion)
अतः इस लेख के माध्यम से मैंने आप सभी को BSEB 12th Geography Half Yearly Exam 2025 के बारे में सम्पूर्ण जानकारी दिया हूं। इसके साथ ही साथ BSEB 12th Geography Half Yearly Exam Question Paper 2025 तथा BSEB 12th Geography Half Yearly Exam Answer Key 2025 की उपलब्ध करवाया हूं। उम्मीद करते हैं, आपको यह लेख पसंद आया होगा। शुक्रियां !!
FAQs – Bihar Board 12th Geography Quarterly Exam 2025
BSEB 12th Half Yearly Exam Routine 2025 Download
बिहार बोर्ड कक्षा 12वीं अर्धवार्षिक परीक्षा 2025 का रूटीन आप नीचे दिए गए BSEB के अधिकारिक नोटिस के माध्यम से देख सकते हैं –
How To Download BSEB 12th Half Yearly Exam Routine 2025
दोस्तों, बिहार बोर्ड 12वीं अर्धवार्षिक परीक्षा 2025 का रूटीन डाउनलोड करने के लिए छात्रों को निम्न स्टेप्स को फॉलो करने होंगे –
Step 1 – सबसे पहले छात्रों को बोर्ड के आधारिक ट्विटर अकाउंट (X) हैंडल पे विजिट करने होंगे।
Step 1 – सबसे पहले छात्रों को बोर्ड के आधारिक ट्विटर अकाउंट (X) हैंडल पे विजिट करने होंगे। Step 2 – यहां पे आपको Post के Section में Routine फोटो फॉर्मेट मे दिख जाएगा।
Step 3 – अब आपको रूटीन वाले फोटो पे एक बार क्लिक करने होंगे, फिर सबसे ऊपर Right Side में 3 डॉट लाइन दिखेगा –
Step 4 – जिसपर क्लिक करके Save के बटन पे क्लिक करेंगे।
अंत में, आपके फोन में Routine Download हो जाएगा।
12वीं अर्धवार्षिक परीक्षा का प्रश्नपत्र कौन तैयार करता हैं?
दोस्तों, 12वीं अर्धवार्षिक परीक्षा का प्रश्नपत्र BSEB, पटना कार्यक्रम (Office) के बैठे अनुभवी (Expert) शिक्षक/शिक्षिका के द्वारा तैयार किया जाता हैं। फिर छापाखाना के माध्यम से प्रश्नपत्र को छापा जाता हैं। फिर बोर्ड के द्वारा सभी जिला शिक्षा कार्यालय भेज दिया जाता हैं। जहां से सभी 10+2 स्कूल के प्रधान अध्यापक प्रश्नपत्र को लाते है, एवम् बोर्ड के द्वारा निर्धारित रूटीन पर परीक्षा का आयोजन करते हैं।
12वीं अर्धवार्षिक परीक्षा 2025 नहीं देंगे तो क्या होगा ?
- दोस्तों यदि आप इस वार्षिक परीक्षा नहीं देंगे तो आपको बोर्ड द्वारा आयोजित होने वाली आगामी परीक्षा में बैठने की अनुमति नहीं दिया जाएगा।
- कारवाही के रूप में बोर्ड आपके नामांकन को रद्द कर सकता हैं!
12वीं अर्धवार्षिक परीक्षा का कॉपी चेक होता हैं, क्या ?
जी हां, कक्षा 12वीं अर्धवार्षिक परीक्षा का कॉपी आपके गृह विद्यालय के शिक्षक/शिक्षिका के द्वारा चेक होता हैं। तथा आपके रिजल्ट को तैयार करके बोर्ड के पास स्कूलों के द्वारा भेजा भी जाता हैं।
कक्षा 12वीं अर्धवार्षिक परीक्षा में फेल हो गए तो क्या होगा ?
दोस्तों, इस परीक्षा में किसी भी विद्यार्थी को Fail नहीं किया जाता हैं। हां, कुछ परिस्थितियों में शिक्षक आपको गाइड कर सकते हैं।
कक्षा 12वीं बोर्ड परीक्षा 2026 की तैयारी कहां से करें?
दोस्तों, बिहार बोर्ड 12वीं बोर्ड परीक्षा 2026 (Bihar Board 12th Exam 2026) की तैयारी करने के लिए आप अपने गांव / शहर के सबसे बेहतर कोचिंग संस्थान को विजिट करें। एवं वहां पे ऑफलाइन के माध्यम से अपनी तैयारी को पूरा करें।
हालांकि इंटरनेट और फोन होने के कारण बहुत सारे छात्र/छात्रा ऑफलाइन के बजाए ऑनलाइन के माध्यम से तैयारी करते हैं, तो उनको मैं बता दूं….आप ऑनलाइन में BSEB CAREER YouTube Channel से पढ़ाई कर सकते हैं।
टॉपर हॉट्स नोट्स लेने के लिए यहां – क्लिक करें
🔻हमारे सोशल मीडिया अकाउंट से जुड़े🔻 |
|
WhatsApp Gr. | Telegram Gr. |
Facebook Page | Instagram Page |
Download App | YouTube Channel |